महाराष्ट्र के पुर्व मे स्थित यवतमाल यह शहर आदिवासी भूभाग में आता है। इस शहर का तकरीबन 60% फिसदी इलाका यह पूरी तरह जंगली है। सामाजिक स्तर पर यह पिछडा इलाका होने के कारण इस जगह का विकास ज्यादा नही हो पाया। राजनैतिक, शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक स्तर पर अगर देखा जाये तो यह शहर पश्चिमी शहरोंसे कुछ पिछे ही है। इस कारण यहा सामाजिक समस्याए बहोत ज्यादा देखनेको मिलती है। आदिवासी भूभाग होने के कारण यहा सरकार की आदिवासीयोंके लिये जो कुछ भी योजनाये है उसका लाभ इस जगह पर ज्यादा लोगोंतक नही पहूंचा और इजकी वजह यह है की शिक्षा। आदिवासी भागोंमे शिक्षा की बेहद ज्यादा जरुरत है। अगर उनको शिक्षाके अवसर ज्यादा से ज्यादा प्राप्त हो तो वह अपना सामाजिक स्तर बढा सकते है। और उनकी और भी जो कोई समस्यायें है वह दूर कर सकते है।
कॉमिक्स बनाने में आत्ममग्न छात्र |
यवतमाल मे बहोतसे सामाजिक कार्य करनेवाली संस्थाये है जो की आदिवासी विकास पर काम करती है तथा सामाजिक कार्य शिक्षा के कई कॉलेजेस भी है। सामाजिक कार्य एक ऐसा शिक्षण है जिनसे सामाजिक समस्याओंको जाना जाता है और उनको जड से मिटाया जाता है। यह कार्य करने के लिये सामाजिक कार्य में 6 प्रकार के तंत्र विकसीत किये गये है। जैसे की, व्यक्तिसहकार्य, गटकार्य, समुदाय संगठन, सामाजिक कृती, संशोधन, समाजकल्याण और व्यवस्थापन। इन तंत्रोका इस्तेमाल करके समाजकार्य कर्ता अपने कार्य को अंजाम देता है।
सामाजिक कार्य में समाज के विभिन्न मुद्दोंको सामने लाने के लिये ग्रासरुटस् कॉमिक्स का उपयोग होना चाहिये इस कल्पना को सामने रखकर सावित्री ज्यातीबा समाजकार्य महाविद्यालय और मराठवाडा कॉमिक्स क्लब ने एक ग्रासरुटस् कॉमिक्स कार्यशाला का आयोजन किया जिसका विषय था “ग्रासरुटस् कॉमिक्स समाजकार्य का एक महत्व पूर्ण तंत्र”।
फिल्ड टेस्टींग के दौरान लोगोंको कॉमिक्स समझा रहे छात्र |
इस कार्यशाला मे समाजकार्य पढने वाले (M.S.W. & B.S.W.) के ५० विद्यार्थीयोंने सहभाग लिया। इस कार्यशालामे आदिवासी शिक्षा, स्त्री भ्रूण हत्या, महिला अत्याचार, वृक्ष कटौती, प्रदूषण, बाल कामगार, आदि विभिन्न विषयोंपर कॉमिक्स बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। चित्रोंके माध्यम से अपनी बात किस तरह समाज के सामने रखी जा सकती है यह तंत्र इन समाजकार्य शिक्षा लेने वाले छात्रोंको सिखाया गया। दो दिन तय यह प्रशिक्षण चला और इन दोन दिनोंमे सभी छात्रोंने अलग अलग कहानीयों पर कॉमिक्स बनाये। अंत के दिन यह सब कॉमिक्स की फोटो कॉपी बनाकर इनको यवतमाल के विभिन्न भीडवालो हिस्सोमे जैसे की, चाय की दुकान, मार्केट, बसस्टॅंड, नुक्कड, चौराहा ऐसी जगहोंपर चिपकाया गया तथा लोगोंको ग्रासरुट्स कॉमिक्स के माध्यमसे विभिन्न विषयोंपर जानकारी दी।